मैं पाकिस्तान को जुकाम, बुखार की दवा सप्लाई करता था। पहलगाम हमले से पहले मेरा दवाईयों का एक लॉट तैयार था। जैसे ही हमला हुआ, मैंने फैसला लिया कि अब पाकिस्तान के साथ कारोबार नहीं करूंगा। मैंने ऑर्डर कैंसिल कर दिया।
ये कहना है कि हिंदुस्तान फॉर्मास्युटिकल कंपनी के मालिक डॉ. अशोक बड़जात्या का। इंदौर में रहने वाले बड़जात्या पिछले 8 साल से पाकिस्तान के साथ दवाओं का कारोबार कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘2019 में पुलवामा हमले के बाद भी मैंने कारोबार बंद नहीं किया था, मगर इस बार तो पानी सिर से ऊपर उठ गया।’
दरअसल, केवल फॉर्मास्युटिकल कंपनियों ही नहीं बल्कि पाकिस्तान से नमक, चना और मसाले का सीधा व्यापार करने वाले व्यापारियों ने भी पाकिस्तान से कारोबार बंद कर दिया है। कारोबारियों ने ये कदम 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को ही उठा लिया था। पाकिस्तान से यूएई और दूसरे रास्तों से जो कारोबार हो रहा है वो भी व्यापारी बंद करने वाले हैं।
पाकिस्तान के साथ ट्रेड खत्म करने का असर मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश की इंडस्ट्रीज पर क्या होगा? यह जानने के लिए हमने मध्यप्रदेश के उन उद्योगपतियों और व्यापारियों से बात की जो पाकिस्तान के साथ व्यापार करते हैं। मध्यप्रदेश कौन-कौन से प्रोडक्ट्स पाकिस्तान से इम्पोर्ट करता है और कौन-कौन से प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करता है? पढ़िए रिपोर्ट…
पाकिस्तान- मध्यप्रदेश के बीच कारोबार
एमपी से जीवन रक्षक दवाइयां जाती हैं पाकिस्तान
मध्य प्रदेश से पाकिस्तान को जनरल और स्पेसिफिक दोनों तरह की ड्रग्स सप्लाई होती हैं। इंदौर के पीथमपुर में पिछले 34 सालों से हिंदुस्तान फॉर्मास्युटिकल कंपनी चलाने वाले कारोबारी अशोक बड़जात्या कहते हैं कि भारत अभी जनरल ड्रग्स के मामले में बेहतरीन काम कर रहा है।
हम पाकिस्तान को जनरल बेसिक ड्रग्स सप्लाई करते हैं, यानी ऐसी दवाइयां जो सर दर्द, बुखार, जुकाम, उल्टी-दस्त के इलाज में काम आती हैं। साथ ही इन्हीं ड्रग्स से चोट का इलाज और पेन किलर भी बनते हैं। मेडिकल फील्ड में सबसे ज्यादा उपयोग इन्हीं दवाइयों का होता है।
दूसरे देशों की तुलना में पाकिस्तान को यह ड्रग्स भारत से काफी किफायती दामों में मिलती हैं। जाहिर है कि दूसरे देश भारत की तुलना में काफी महंगे दामों पर बेचेंगे। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होगी।
एमपी से 15 केमिकल और फॉर्मास्युटिकल प्रोडक्ट पाकिस्तान सप्लाई होते हैं
पहलगाम हमले के दूसरे दिन तोड़े व्यापारिक संबंध बड़जात्या ने बताया कि जब पहलगाम में हमला हुआ, तो मुझे बेहद बुरा लगा। सरकार ने तो बाद में ट्रेड न करने का फैसला किया, मैंने तो 23 अप्रैल को ही फैसला लिया कि अब मैं पाकिस्तान के साथ कोई व्यापार नहीं करूंगा। पाकिस्तान में जिस व्यापारी को मेरा माल जाना था मैंने उसे मेल किया और अपनी बात बता दी थी।
बड़जात्या बोले- अब आप पूछोगे कि अब मैं अपना माल कहां भेजूंगा? तो मुझे किसी दूसरे देश में संभावना तलाशने की जरूरत नहीं है। हमारे ही देश में काफी संभावना है। वहीं भारत के दूसरे देशों से संबंध काफी अच्छे हैं। पूरा विश्व भारत के लिए खुला है, ऐसे में मुझे अपने माल को सप्लाई करने में कोई समस्या नहीं होगी।
वैसे भी पाकिस्तान से यदि कारोबार नहीं करेंगे तो भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मगर पाकिस्तान घुटनों पर आ जाएगा। वे बताते हैं कि भारत ने पिछले साल करीब 2 लाख करोड़ रुपए का निर्यात पाकिस्तान के साथ किया है। भारत का 1 महीने का जीएसटी कलेक्शन ही करीब 1.7 लाख करोड़ रुपए है, तो यह भारत के लिए कोई बड़ी राशि नहीं है।
पाकिस्तान गलत राह पर चल रहा है। वह भारत को मिटाने के चक्कर में सबसे ज्यादा बर्बादी अपने ही लोगों की कर रहा है।
डॉ. अशोक बड़जात्या
चेयरमैन हिंदुस्तान फॉर्मास्युटिकल
तीसरे देशों से ट्रेड को बंद करना पड़ेगा
एमपी के सबसे बड़े होलसेल बाजार सियागंज व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष नईम खान कहते हैं कि इंदौर बहुत बड़ा किराना मार्केट है। यहां पाकिस्तान से शक्कर, काला और सेंधा नमक, खारी और चिलगोजा आता है। पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रोडक्ट्स पर 200% इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी जिससे पाकिस्तान के व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ा।
इसके बाद भी यूएई और सार्क देशों के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेड होता रहा है। नईम कहते हैं कि व्यापारियों ने ही माल मंगाना ही बंद कर दिया है। पाकिस्तान से जो ड्रायफ्रूट्स आते थे उसकी जगह अब व्यापारी इराक, ईरान, सऊदी से ड्रायफ्रूट्स मंगा रहे हैं।
एमपी से 305 टन काबुली चना और 2400 टन सोया प्रोडेक्ट एक्सपोर्ट
अमेरिका, यूके और यूरोप से ट्रेड के दरवाजे खुले हैं। भारत को पाकिस्तान से ट्रेड बंद करने के लिए सख्ती बरतना होगी। दरअसल, यूएई और दूसरे देशों के जरिए भारत का माल पाकिस्तान खरीदता है। यूएई के रास्ते पाकिस्तान से भारत आने वाले माल को रोकना होगा। भारत के यूएई से संबंध अच्छे हैं, यदि भारत चाहे तो वह ऐसा कर सकता है।
भारत सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकता। जब तक पाकिस्तान स्पष्ट तौर पर आतंकवाद के खात्मे के लिए कदम नहीं उठाता, तब तक भारत को उसके साथ व्यापार बंद ही रखना चाहिए।
अभी पाकिस्तान पर पूरी तरह से नकेल कसने का समय है।
व्यापार खत्म होने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होगी।
नईम खान, उपाध्यक्ष सियागंज व्यापार एसो. इंदौर
सेंधा नमक भी ईरान और अफगानिस्तान से ले रहे
मध्य प्रदेश में काला और सेंधा नमक पाकिस्तान से आता है। दरअसल, पाकिस्तान के व्यापारी गुजरात के व्यापारियों से कारोबार करते हैं। वहां से ये नमक मप्र पहुंचता है। पिछले 50 सालों से नमक का होलसेल कारोबार करने वाले बृजमोहन गुप्ता कहते हैं कि पाकिस्तान से ट्रेड खत्म होने के बाद नमक के दाम 10 रु. प्रति किलो बढ़ गए हैं, मगर इसका असर व्यापार पर नहीं पड़ने वाला है।
पुलवामा हमले के बाद से ही व्यापारियों ने सेंधा नमक दूसरे कई देशों से मंगाना शुरू कर दिया था। ईरान और अफगानिस्तान से भी सेंधा नमक भारत आता है। ये जरूर है कि पाकिस्तान के नमक की क्वालिटी ईरान और अफगानिस्तान के नमक से बेहतर है। पाकिस्तान का नमक गुलाबी रंग का होता है, जबकि ईरान और अफगानिस्तान के नमक में सफेदी ज्यादा होती है।
इसी वजह से पाकिस्तान का सेंधा नमक ₹20 प्रति किलो है, वहीं ईरान के नमक की कीमत लगभग ₹12 प्रति किलो पड़ता है।
2019 के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच कारोबार रिश्ते खराब
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2019 से व्यापार बंद हैं। दरअसल भारत ने पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन्स की लिस्ट से हटा दिया था। जिस देश को ये दर्जा दिया जाता उसे व्यापार में छूट मिलती है। भारत ने पाकिस्तानी चीजों पर 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी भी बढ़ा दी थी। भारत के इस कदम से पाकिस्तानी व्यापारियों को नुकसान हुआ।
आंकड़ों के मुताबिक साल 2018-19 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 4370 करोड़ रुपए से ज्यादा का था। 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाले चीजों पर 200% शुल्क लगा दिया था, जिसके बाद व्यापार में काफी गिरावट आई। 2019-20 में अटारी लैंड पोर्ट के जरिए दोनों देशों के बीच व्यापार गिरकर 2772 करोड़ रुपए रह गया था।
इसके बाद 2019 के आम चुनावों के बाद जब एक बार फिर मोदी सरकार बनी तो, भारत ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया। इस पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारत के साथ जमीन के जरिए होने वाले व्यापार को बंद कर दिया था। व्यापार बंद होने से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ।
भारत-पाकिस्तान के बीच कारोबार
भारत-पाकिस्तान के बीच कुल व्यापार 0.06 फीसदी से कम
दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते खत्म होने से भारत से ज्यादा पाकिस्तान को फर्क पड़ेगा। वाणिज्यिक मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत से पाकिस्तान को 513.82 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ था, वहीं पाकिस्तान से मात्र 2.54 मिलियन डॉलर का आयात था।
इसके बाद 2022-23 में पाकिस्तान को निर्यात 627.10 मिलियन डॉलर और आयात 20.11 मिलियन डॉलर का था। इसी तरह 2023-24 में पाकिस्तान से आयात काफी कम हो गया और यह 2.88 मिलियन डॉलर रह गया था, जबकि भारत से निर्यात 1180 मिलियन डॉलर था। पाकिस्तान के साथ भारत का कुल व्यापार 0.06% से भी कम है।
ऐसे में भारत पाकिस्तान से आयात होने वाली चीजों पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है, लेकिन भारत से निर्यात होने वाली चीजों पर पाकिस्तान की निर्भरता ज्यादा है.