तेजाजी नगर थाना क्षेत्र के ग्राम मौरोद में एकलव्यम गुरुकुल आदर्श विद्यालय परिसर स्थित हॉस्टल में मंगलवार रात 11वीं की छात्रा ने बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। साथी छात्राओं ने देखा तो फंदे से उतारा और हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी। हॉस्टल कर्मी उसे एमवाय अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने हॉस्टल मे ंजाकर जांच की। बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है।
हॉस्टल में मंगलवार रात करीब 11 बजे छात्राओं ने बाथरूम में शिवानी (16) पिता रुमाल जमरा निवासी पीपरी, बाग (धार) को फंदे पर लटका देखा तो हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी। प्रबंधन छात्रा को एमवायएच लेकर पहुंचा। हॉस्टल प्रबंधन ने छात्रा के परिजनों को भी धार में तबीयत खराब होने की सूचना दी तो स्थानीय रिश्तेदार एमवायएच पहुंचे, लेकिन उन्हें पोस्टमार्टम रूम में जाने नहीं दिया गया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव धार ले गए। तेजाजीनगर थाना टीआइ आरडी कानवा के मुताबिक, शिवानी मूलत: धार की निवासी थी। वह यहां छठवीं कक्षा से ही पढ़ाई कर रही थी और हॉस्टल में रहती थी।
छात्रा को सिकल सेल था, जिसके कारण वह परेशानी रहती थी। उसे शाम के समय दर्द होता था। दवाइयां चल रही थीं। शुक्रवार को उसकी परीक्षा भी थी। रात में खाना खाने के बाद करीब 9 बजे उसकी पिता से बात हुई थी। पिता सरकारी शिक्षक हैं। उनकी दो बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी इंदौर में निजी कॉलेज में इंजीनियङ्क्षरग कर रही है, जबकि बेटा मानपुर में पढ़ाई करता है।
बहन बोली- टोड़ी में चोट का निशान
शिवानी की बड़ी बहन वैष्णवी के मुताबिक, शिवानी की टोड़ी में चोट का निशान है, मामले में जांच होना चाहिए। दोपहर में नायब तहसीलदार शैफाली अग्रवाल, जयेश प्रताप ङ्क्षसह, टीआइ कानवा ने हॉस्टल में जाकर जांच की। ङ्क्षसह के मुताबिक, मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। टीआइ ने बताया, कुछ डायरियां मिली हैं, जिसमें शिवानी लिखती थी। एक जगह उसने लिखा है, भगवान तुम मुझे क्यों नहीं उठा लेते? बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है।
मां का आरोप- बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती, हत्या हुई
शुक्रवार को छात्रा के पिता रुमाल ङ्क्षसह व मां प्रेमलता अन्य परिजन के साथ इंदौर पहुंचे। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। बड़ी बहन वैष्णवी ने बताया, वह करीब 8 दिन पहले शिवानी से हॉस्टल में मिली थी, उसने किसी तरह की परेशानी नहीं बताई थी। वह मेधावी छात्रा थी। कक्षा 10वीं में 87 प्रतिशत अंक से पास हुई थी। डॉक्टर बनने का सपना था। मां प्रमिला का कहना था, शिवानी को डॉक्टर बनना था, वह आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी हत्या हुई है। हॉस्टल प्रबंधन ने भी रात में सही जानकारी नहीं दी।