बात 25 जुलाई 2022 की है। इंदौर के गौतम पुरा जंगल में अध जली लाश देखकर पिता मानपुर पुलिस से कहता है कि- हां, ये मेरी 17 साल की बेटी ही है, जो एक महीने पहले 6 जून 2022 को लापता हुई थी। पिता द्वारा की गई शिनाख्त को पुलिस मान लेती है। शव पिता को सौंप देती है।
संदेह के आधार पर एक लड़के को उठाती है। षड़यंत्र कर हत्या का केस दर्ज कर जेल भेज देती है। उधर, पिता अधजली लाश का अंतिम संस्कार कर देता है। 4 महीने बाद यानी नवंबर 2022 में..। धार की सागौर पुलिस हत्या के एक आरोपी को लेकर गौतम पुरा जंगल की उसी लोकेशन पर आती है। आरोपी का दावा था कि उस महिला को मारकर यहीं जलाकर फेंका था। लेकिन, मौके पर कोई लाश ही नहीं थी।
यहां से पूरी कहानी इतने मोड़ लेते चली गई है कि डेढ़ साल बाद में यह केस उलझा ही हुआ है। इस पेचीदा मामले की कड़ियां जोड़ी तो कई सवालों के जवाब मिले। जैसे- जिस महिला का अंतिम संस्कार हो गया, वह कौन थी? यदि वह कोई और थी तो गुमशुदगी दर्ज कराने वाले पिता की बेटी कहां है?
जब बेटी मरी ही नहीं तो मानपुर पुलिस ने संदेह के आधार पर हत्या में किसे फंसा दिया? कैसे साबित हुआ कि यह लापता बेटी नहीं, कोई और महिला है? अब दोनों थानों की पुलिस मिलकर अदालत से क्या चाहती है?
4 पाइंट में जानिए मानपुर से लापता लड़की की कहानी…
• घटना 6 जून 2022 की है। फफूंद के 45 वर्षीय पिता ने मानपुर थाने पर 17 साल की बेटी की गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस को बताया कि संदेही सोहन पिता विजय डोरिया और उसके दोस्त पर बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है।
• 25 जुलाई 2022 को चंबल पुलिया के नीचे रलायता रोड गौतम पुरा में बोरी में बंद अध जली लाश मिली। दिनेश को बुलाया तो उसने कपड़े और नेल पालिश देखकर कहा कि बेटी ही है।
• पुलिस ने पिता को शव सौंप दिया। घरवालों ने अंतिम संस्कार कर दिया। इधर, मानपुर पुलिस ने भी अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने की धारा बढ़ा दी।
• पहले आरोपी सोहन के दोस्त अमित (20) यादव को गिरफ्तार किया। उसने कबूला कि सोहन के साथ लोडिंग रिक्शा में लड़की को ले गया था। हालांकि, अमित यह नहीं बता सका कि सोहन ने हत्या कर दी है या नहीं? बावजूद, उसे हत्या में सहयोग का आरोपी बना दिया गया। उधर, घटना के बाद से मुख्य आरोपी सोहन फरार ही था।
यहां से आया कहानी में ट्विस्ट, किसी और महिला की थी लाश...
कुछ दिनों बाद नवंबर 2022 में धार जिले की सागौर थाना पुलिस ने मानपुर पुलिस को बताती है कि नदी किनारे मिला शव गुम हुई लड़की का नहीं, बल्कि शिवानी पति सतीश दशाना, निवासी मोती नगर, सागौर (22) का था। उसके पति ने हत्या कर शिवानी के शव को बोरे में भरकर यहीं फेंका था। यह सुनकर मानपुर पुलिस हरकत में आ गई क्योंकि अंतिम संस्कार पहले ही दूसरे की लाश मानकर हो चुका था।
अंततः पहचान के लिए शव की DNA की जांच कराई तो क्लियर हो गया कि शव आरोपी सतीश की पत्नी शिवानी (सागौर) का ही है। मानपुर से लापता हुई लड़की का नहीं। इसकी पुष्टि के बाद सागौर पुलिस इस पूरी कहानी से आउट हो जाती है।
जबकि, मानपुर पुलिस उलझ गई कि जिस केस में हत्या का मामला दर्ज कर रखा है, वह तो यह लड़की ही नहीं थी। मुख्य आरोपी सोहन भी पकड़ से बाहर है।
छापे तेज.. एक क्लू से लोकेशन ढूंढ़ी, अपहरणकर्ता सोहन प्रेमी निकला
गले की फांस बन गए प्रकरण को सुलझाने के लिए मानपुर पुलिस ने फरार आरोपी सोहन पर छापे तेज कर दिए थे। फरवरी 2023 में सूचना आई थी कि देवास में उसके बैंक खाते से रुपए निकले हैं। एटीएम के आसपास सोहन की फोटो दिखाने पर पता चला कि यह लड़का किराए से यहां पास में रहता है। दबिश पर एक कमरे में आरोपी सोहन के साथ लापता नाबालिग लड़की की भी बरामद हो गई।
लड़की को जिंदा देख पुलिस हैरान थी कि जुलाई 2022 से वह जिसके मर्डर का केस चला रही है, वह तो जिंदा है। लड़की ने पुलिस को बताया कि सोहन ने अपने साथ रखते हुए यहां कई बार संबंध बनाए। इस पर पुलिस ने सोहन और अमित के खिलाफ धारा 376, 376 (2), 366, 344 पॉक्सो एक्ट लगाकर कोर्ट में पृथक चालान पेश कर दिया। जबकि पहले से गिरफ्तार उसके दोस्त पर हत्या में सहयोग करने का केस अलग से दर्ज था ही..। यानी एक ही लड़की की अपहरण, हत्या का केस अलग। दुष्कर्म कर पॉक्सो का केस अलग..।
पॉक्सो के कारण अलग-अलग जज के यहां सुनवाई, 22 अप्रैल को अगली सुनवाई
दोनों प्रकरण अलग-अलग स्वभाव के होने के कारण अलग-अलग अदालतों में सुनवाई शुरू हो गई। जबकि हत्या का मामला बनता ही नहीं था। अंततः पुलिस को कोर्ट के सामने पूरा घटनाक्रम बताना ही पड़ा। उसने सरकारी वकील के माध्यम से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला न्यायालय के यहां आवेदन किया है, जिसमें निवेदन किया है कि थाना मानपुर का केस किसी एक सत्र न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानान्तरित कर दिया जाए। साथ ही पुराने केस से हत्या और साजिश की धाराएं भी हटवा दी जाएं। यानी अब सिर्फ अपहरण और पॉक्सो का मामला चल सकता है। मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।